कोरोना का खतरा घर से बाहर ही नहीं है बल्कि हॉस्पिटल में पहले से बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों को भी है। ब्रिटेन में ऐसे ही मामले सामने आए हैं। हॉस्पिटल में भर्ती 20 फीसदी सामान्य मरीज कोरोना से संक्रमित पाए गए। यह आंकड़ा ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विस ने जारी किया है। ऐसे मामले जब सामने आए जब ब्रिटेन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 34 हजार 636 तक पहुंची।
मेडिकल स्टाफ का कोरोना टेस्ट तक नहीं किया गया
डेलीमेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ विशेषज्ञ का कहना है कि इसकी एक वजह मेडिकल स्टाफ का कोरोना टेस्ट न होना भी है। जिससे संक्रमण उनके जरिए मरीजों तक पहुंचा। वहीं दूसरी वजह बताई गई कि कुछ स्वास्थ्यकर्मियों के पास सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।
सर्जन ने भी माना उनके डिपार्टमेंट ऐसा हुआ
ब्रिटेन के ही एक हॉस्पिटल के सर्जन का कहना है कि लॉकडाउन से पहले मेरे डिपार्टमेंट के कुछ मरीजों के साथ ऐसा हुआ और उनकी मौत हो गई। मार्च में 80 साल की मैरिटा एडवर्ड्स की गॉल ब्लडैर सर्जरी हुई थी और कुछ समय बाद संक्रमण से मौत हो गई। ब्रिटेन में कोरोना से मरने वाली मैरिटा पहली इंसान थीं।
बेटे ने बताई मां की कहानी
एक महिला सफाईकर्मी को साउथ वेल्स के रॉयल ग्वेंट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। 28 फरवरी को उनका ऑपरेशन हुआ। कुछ समय बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव और करीब तीन हफ्तों बाद मौत हो गई। उनके बेटा का कहना है, जब लगा कि कोरोना हो सकता है तो मां को आइसोलेटेड वार्ड में शिफ्ट किया गया लेकिन हॉस्पिटल में कोरोनावायरस तब तक फैल चुका था।
इटली में भी ऐसी गलती हुई थी
बेटे का कहना है कि अंतिम समय में मैं अपनी मां के हाथ को चूम तक नहीं सका। उनके चेहरे पर मास्क लगा था और उनकी बेहद दर्दनाक मौत हुई। वायरस विशेषज्ञ जॉर्जिओ पालू ने चेतावनी दी है ब्रिटेन और यूरोप के हेल्थ सिस्टम भी कोरोनावायरस फैल सकता है। वह कहते हैं जनवरी में इटली में एक ऐसी ही गलती से मामले की संख्या बढ़ी थी।
मरीज को घर पर रहने की सलाह
जॉर्जिओ पालू का कहना है कि संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उनके घर पर ही रहने की सलाह देनी चाहिए, वरना हॉस्पिटल में इसके मामले और बढ़ेंगे। ऐसा करके संक्रमण के मामलों में कमी लाई जा सकती है।
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from Dainik Bhaskar
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