20.97 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में लोगों को सीधी राहत सिर्फ 3.15 लाख करोड़ रु. की, आइए समझते हैं बाकी का ब्योरा और हर पैसे का हिसाब


कोरोना और उसकी वजह से जारी लॉकडाउन ने इकोनॉमी के साथ आबादी के बड़े हिस्से की जिंदगी पर असर डाला है। अंसगठित क्षेत्र से जुड़े लोग पलायन करने लगे हैं। इस संकट से निपटने का अभी कोई फौरी हल दिखाई नहीं दे रहा। इस बीच सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। सरकार का दावा है कि यह पैकेज भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद, यानी जीडीपी का तकरीबन 10% है।
सरकार की तरफ से ये पैकेज अलग-अलग किस्तों में फरवरी से 17 मई के बीच ऐलान किए गए हैं। आखिरी किस्त 17 मई, यानी रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषित की।दैनिक भास्कर इसका विश्लेषण कर रहा है। ताकि आपके सामने पूरा हिसाब-किताब रख सकें और ये भी बता सकें कि इससे किसे, कितना, कब तक और किस तरह फायदा हो सकता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट अशोक सोडानी ने भास्कर के पाठकों के लिए पैकेज पूरा ब्योरा तैयार किया है।
हमने अपनी एनालिसिस में पाया कि सरकार ने कुल 20.97 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है। इनमें सीधी राहत के नाम पर सिर्फ 3.15 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह देश की जीडीपी का 1.58% है। बचा हुआ 17.82 लाख करोड़ रुपए का पैकेज सरकार ने लिक्विडिटी यानी नकदी की मदद या लोन के रूप में दिया है। आने वाले वक्त में यह ब्याज के साथ सरकार के पास वापस ही आएगा।
करीब 21 लाख करोड़ के पैकेज में सरकार के ऊपर सीधी मदद देने का दबाव बेहद कम
तारीख घोषित करने वाले स्कीम रुपए लाख करोड़ में असर सरकार का कैश आउटफ्लो
फरवरी-मार्च 2020 आरबीआई बैंक और फाइनेंशियल बाजार के लिए अतिरिक्त लिक्विडिटी का प्रोविजन 2.77 वित्तीय बाजारों के लिक्विडिटी पर हां
मार्च वित्त मंत्री 22 मार्च के बाद से टैक्स कंसेशन की वजह से रेवेन्यू का नुकसान 0.08 तमाम टैक्स कंसेशंस के कारण सरकार के रेवेन्यू का नुकसान हां
27 मार्च वित्तमंत्री पीएम गरीब कल्याण पैकेज 1.7 गरीबों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट हां
27 मार्च आरबीआई बैंक और फाइनेंशियल बाजार के लिए अतिरिक्त लिक्विडिटी का प्रोविजन 3.74 वित्तीय बाजारों में लिक्विडिटी नहीं
9 अप्रैल पीएम एमर्जेंसी रिस्पाॅन्स और हेल्थ सिस्टम पैकेज 0.15 स्वास्थ्य सेक्टर में इंफ्रा डेवलपमेंट हां
17 अप्रैल आरबीआई बैंक और फाइनेंशियल बाजार के लिए एक्स्ट्रा लिक्विडिटी का प्रोविजन 1 वित्तीय बाजारों में लिक्विडिटी नहीं
26 अप्रैल आरबीआई म्यूचुअल फंड के लिए लिक्विडिटी का प्रोविजन 0.5 छोटे निवेशकों की सुरक्षा के लिए म्यूचुअल फंड को सपोर्ट नहीं
13 मई वित्तमंत्री एमएसएमई को कोलैटरल फ्री लोन 3 छोटे और मझले उद्योगों को लोन फैसिलिटी नहीं
संकटग्रस्त एमएसएमई को कर्ज 0.2 संकटग्रस्ट एमएसएमई को लोन नहीं
एमएसएमई के लिए इक्विटी इंफ्यूजन 0.5 एमएसएमई के लिए इक्विटी हां
ईपीएफ कंट्रीब्यूशन 0.03 सैलरी क्लास के लिए सीधे लाभ हां
ईपीएफ रेट रिडक्शन 0.07 बिजनेस को लिक्विडिटी सपोर्ट नहीं
एनबीएफसी,एचएफसी, एमएफआई के लिए स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम 0.3 वित्तीय बाजारों को लिक्विडिटी नहीं
एनबीएफसी के लिए क्रेडिट गारंटी 0.45 वित्तीय बाजारों को लिक्विडिटी नहीं
डिस्कॉम के लिए लिक्विडिटी 0.9 पावर जनरेटिंग के लिए लिक्विडिटी नहीं
टीडीएस, टीसीएस रिडक्शंस के लिए लिक्विडिटी 0.5 बिजनेस को लिक्विडिटी सपोर्ट नहीं
टोटल 5.94
14 मई वित्तमंत्री प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर और खाना 0.04 गरीबों को सीधे लाभ हां
मुद्रा शिशु लोन पर ब्याज सब्सिडी 0.02 गरीबों को सीधे लाभ हां
क्रेडिट फैसिलिटी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 0.05 छोटे स्ट्रीट वेंडर्स को लोन सुविधा हां
सीएलएसएस के तहत हाउसिंग लोन पर ब्याज सब्सिडी 0.7 गरीबों को सीधे लाभ हां
नाबार्ड को वर्किंग कैपिटल 0.3 ग्रामीण बैंकों को लिक्विडिटी सपोर्ट नहीं
किसान कार्ड के जरिए किसानों को कंसेशनल क्रेडिट 2 लोन सुविधा नहीं
टोटल 3.11
15 मई वित्तमंत्री एग्री इंफ्रा के लिए फंडिंग 1 लोन सुविधा नहीं
माइक्रो फूड इंटरप्राइज के फार्मलाइजेशन की स्कीम 0.1 गरीबों को सीधे लाभ हां
मरीन एवं इनलैंड फिशर्स के विकास के लिए 0.2 इंफ्रा डेवलपमेंट हां
एनिमल हसबैंडरी इंफ्रा के लिए प्रोजेक्ट स्थापना पर इंसेंटिव 0.15 इंफ्रा डेवलपमेंट हां
हर्बल कल्टीवेशन 0.04 इंफ्रा डेवलपमेंट हां
मधुमक्खी पालन 0.01 इंफ्रा डेवलपमेंट हां
फलों और सब्जियों के ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज के लिए 0.01 गरीबों को सीधे लाभ हां
टोटल 1.5
16 मई वित्तमंत्री वाइबैलिटी गैप फंडिंग 0.08 स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए इंफ्रा डेवलपमेंट हां
17 मई वित्तमंत्री मनरेगा के जरिए अतिरिक्त रोजगार 0.4 गरीबों को सीधे लाभ हां
टोटल 20.97
आम जनता को 3.15 लाख करोड़ की सीधी राहत देने के पैकेज के हिस्से
  • 1.70 लाख करोड़ रुपए का पीएम गरीब कल्याण पैकेज
  • 3 हजार करोड़ रुपए का सरकार द्वारा ईपीएफ में योगदान
  • 4 हजार करोड़ रुपए से प्रवासी मजदूरों को आवास और खाना
  • 2 हजार करोड़ रुपए मुद्रा शिश लोन पर ब्याज सब्सिडी पर
  • 70 हजार करोड़ रुपए सीएलएसएस के तहत हाउसिंग कर्ज पर ब्याज सब्सिडी के लिए
  • 10 हजार करोड़ रुपए माइक्रो फूड इंटरप्राइज की फॉर्मलाइजेशन स्कीम पर
  • 1 हजार करोड़ रुपए फलों, सब्जियों के ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज पर
  • 40 हजार करोड़ रुपए मनरेगा के तहत अतिरिक्त रोजगार के लिए
  • एमएसएमई में 10 हजार करोड़ रुपए की इक्विटी सहायता
  • समुद्री और देश के अंदर मछली पालन के इंफ्रा के विकास पर 20 हजार करोड़
  • पशुपालन में योजनाओं के लिए15 हजार करोड़ रुपए
  • हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रुपए
  • मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए
  • वायबिलिटी गैप की फंडिंग के लिए 8 हजार करोड़ रुपए
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया और हेल्थ सिस्टम के लिए 15 हजार करोड़
  • 22 मार्च के बाद से टैक्स में रियायत के कारण रेवेन्यू में 8 हजार करोड़ रुपए की कमी आई
सरकार का यह पैकेज इकोनॉमी को कैसे सुधारेगा, इस पर बारीकी से एनालिसिस 5 भागों में करते हैं।
पहला भाग



उपभोक्ताओं को सीधे फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के तहत सरकार ने2.99 लाख करोड़ की योजनाएं घोषित की हैं।
1.70 लाख करोड़ रुपए का पीएम गरीब कल्याण पैकेज
इससे पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत दिए जाने वाले अलग-अलग फायदे जैसे हेल्थ वर्कर्स के लिए इंश्योरेंस कवर, 3 महीने के लिए घर-परिवार को 5 किलो गेहूं और 1 किलो दाल, किसानों और महिलाओं को सीधे मनी ट्रांसफर, मुफ्त गैस, गरीब वरिष्ठ नागरिक और गरीब विधवाओं को 1000 रुपए की मदद, सरकार की ओर से इम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड में पैसा जमा करना।
3 हजार करोड़ रुपए का सरकार ईपीएफ में देगी
100 से कम कामगार वाले व्यवसायों में 15000 रुपये प्रति माह से कम कमाने वालों के लिए उनकी हर महीने की आमदनी का 24% सरकार देगी। 20 जुलाई से शुरू होने वाले 3 महीनों के लिए उनके पीएफ खातों में पैसा जमा किया जाएगा। इससे छोटे बिजनेस को फायदा मिलेगा।
मनरेगा की मजदूरी में इजाफादैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है।
4 हजार करोड़ रुपए से प्रवासी मजदूरों के रहने-खाने के इंतजामप्रवासी मजदूरों को खाना देने और उनके रहने के इंतजाम पर खर्च किया जाएगा।
2 हजार करोड़ रुपए मुद्रा शिशु लोन पर ब्याज सब्सिडी पर
मुद्रा शिशु लोन योजना के तहत लिए गए लोन को तुरंत अदा करने, प्रवासी कामगार इंटरेस्ट सब्सिडी के लिए सहारा और भोजन प्रदान करने पर खर्च 2% है। यह पहले दिया गया था और 50,000 रुपए से कम है।
70 हजार करोड़ रुपए सीएलएसएस के तहत हाउसिंग कर्ज पर ब्याज सब्सिडी के लिए
इस योजना के तहत सरकार 18 लाख रुपए से कम सालाना आमदनी वालों को लोन के लिए ब्याज में 3% से 4% तक सब्सिडी देती है। इस योजना को 31 फरवरी 2021 तक बढ़ा दिया गया है। सरकार द्वारा 0.06 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की उम्मीद है। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि इस उपाय के कारण हाउसिंग में निवेश में 0.70 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी होगी।
10 हजार करोड़ रुपए माइक्रो फूड इंटरप्राइज की फॉर्मलाइजेशन स्कीम पर
2 लाख माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (फूड प्रोसेसिंग/पैकेजिंग आदि) की मदद के लिए योजना शुरू की जाएगी ताकि टेक्निकल अपग्रेड किया जा सके और वे FASSAI खाद्य मानकों को हासिल कर सकें। ब्रांड और मार्केटिंग कर सकें।
1 हजार करोड़ रुपए फलों, सब्जियों के ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज पर
फलों और सब्जियों के ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज पर सब्सिडी दी जाएगी।
40 हजार करोड़ रुपए मनरेगा के तहत अतिरिक्त रोजगार के लिए
सरकार ने मनरेगा योजना के तहत अतिरिक्त 40 लाख करोड़ रुपए देने का फैसला किया है, इससे 300 करोड़ व्यक्ति कार्य दिवस की उम्मीद है और इसके जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
दूसरा भाग




बिजनेस क्लास की उधारी की क्षमता बढ़ाने के लिए बैंक, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थानों को मददके लिए 9.06 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की।

बैंक / एनबीएफसी/ नाबार्ड/ सिडबी/ एनएचबी/ म्यूचुअल फंड के लिए आरबीआई ने 8.01 लाख करोड़ दिए
सरकार सीधे कैश नहीं देगी, लेकिन इस कदम के जरिए बैंक और वित्तीय संस्थान बिजनेस, होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए ज्यादा क्रेडिट मुहैया करा सकेंगे।
एनबीएफसी/ एचएफसी/ एमएफआई के लिए स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम 30 हजार करोड़
सरकार इन वित्तीय संस्थानों द्वारा लिए गए लोन की 100% गारंटी लेगी। सरकार के ऊपर तत्काल कोई नकद असर नहीं पड़ेगा। लेकिन इससे बिजनेस, होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए ज्यादा क्रेडिट मिलेगा।
एनबीएफसी के लिए आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना 45 हजार करोड़
एनबीएफसी द्वारा लिए गए लोन की 20% फंड गारंटी सरकार देगी। सरकार के ऊपर तत्काल कोई लिक्विडिटी फ्लो का असर नहीं होगा।
नाबार्ड के जरिए ग्रामीण बैंकों के लिए 30 हजार करोड़
नाबार्ड, ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के जरिए किसानों को ट्रैक्टर, बीज और अन्य जरूरतों के लिए कर्ज देने में मदद करेगा।

तीसरा भाग



एमएसएमई, स्ट्रीट वेंडर और किसानों के लिए 6.75 लाख करोड़ रुपए की मदद देने का ऐलान किया गया।
एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपए का कोलैटरल फ्री लोन
एमएसएमई के मौजूदा लोन पर एक्स्ट्रा 20% लोन के लिए सरकार बैंकों, एनबीएफसी को गारंटी देगी। ऐसी एमएसएमई, जिनका लोन 25 करोड़ और टर्नओवर 100 करोड़ रुपए का होगा, उन्हें इसका फायदा होगा। इससे करीब 45 लाख एमएसएमई को फायदा मिलेगा। सरकार सीधे कैश में मदद नहीं देगी।
एमएसएमई को कर्ज 20 हजार करोड़
ऐसे एमएसएमई जो संकट में हैं और एनपीए होने की कगार पर हैं, उनके 20% लोन की गारंटी सरकार लेगी।
एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपए की इक्विटी मदद
सरकार 10 हजार करोड़ रुपए की पूंजी के साथ एक फंड बनाएगी और यह फंड निजी निवेशकों की मदद से एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपए की इक्विटी मदद करेगा।
स्ट्रीट वेंडर के लिए 5 हजार करोड़ की स्पेशल क्रेडिट सुविधा
काम शुरू करने के लिए सरकार शुरुआती मदद के रूप में10 हजार रुपए की राशि देगी। इससे करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा होने की उम्मीद है।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को 2 लाख करोड़ रुपए का रियायती क्रेडिट
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को रियायती दरों पर क्रेडिट सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इससे 2.5 करोड़ किसानों को फायदा होने की उम्मीद है।
एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की फाइनेंस सुविधा
कृषि क्षेत्र के लिए कोल्ड चेन और फसल कटने के बाद पास में ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार की तरफ से वित्तीय सुविधा प्रदान की जाएगी।
चौथा भाग




कारोबारों को लिक्विडटी सपोर्ट के लिए सरकार 1.47 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी।
ईपीएफ रेट कम कर 7 हजार करोड़ रुपए का लिक्विडिटी सपोर्ट
मार्च 2020 से जून 20 तक कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा प्रोविडेंट फंड के कॉन्ट्रिब्यूशन को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जाए। इसमें व्यापार में और नकद आएगा साथ ही कर्मचारियों के हाथ में भी ज्यादा पैसा आएगा। यह स्कीम उन कंपनियों के ऊपर लागू नहीं होगी, जहां कर्मचारी और नियोक्ता का पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन सरकार द्वारा किया जाता है।
टीडीएस, टीसीएस रेट में 25% तक की कटौती से 50 हजार करोड़ रुपए का लिक्विडिटी सपोर्ट
टीडीएस रेट में कटौती से बिजनेस और ज्यादा पेमेंट हासिल करने में सक्षम होंगे। हालांकि, यह छूट नहीं है, बल्कि सरकार ने टैक्स कलेक्शन को कुछ समय के लिए टाल दिया है।
बिजली कंपनियों के बकाया भुगतान के लिए डिस्कॉम को 90 हजार करोड़ का लिक्विडिटी सपोर्ट
राज्य सरकारों द्वारा क्रेडिट गारंटी देने पर पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड डिस्कॉम को लोन देंगे। यह कदम इस बात को सुनिश्चित करेगा कि पावर जनरेटिंग कंपनियों को सरकार के पास उनके अटके फंड मिल जाएं।
पांचवां भाग




इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 63 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
समुद्री और देश के अंदर मछली पालन इंफ्रा के विकास पर 20 हजार करोड़
पशुपालन में योजनाओं के लिए15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान
पशुपालन से संबंधित उत्पादों के निर्यात के लिए फैक्ट्री स्थापित करने संबंधी योजनाओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़
नेशनल मेडिक्लिनिक प्लांट बोर्ड हर्बल खेती के तहत 800 हेक्टेयर मुहैया कराएगी।
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए
सरकार मधुमक्खी पालन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए योजनाएं शुरू करेगी।
वायबिलिटी गैप की फंडिंग के लिए 8 हजार करोड़ रुपए
सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (स्वास्थ्य, शिक्षा) में रिटर्न कम होने के कारण, इन क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बहुत कम है। इन प्रोजेक्ट में प्राइवेट सेक्टर के इन्वेस्टरों को हौसला बढ़ाने के लिए सरकार प्रोजेक्ट की लागत की 20-30% तक फंडिंग देगी। सरकार का मकसद प्राइवेट सेक्टर के लिए ऐसे प्राजेक्ट को वाइबल बनाना है।
इमरजेंसी एक्शन और हेल्थ सिस्टम के लिए 15 हजार करोड़
इस पैकेज का उद्देश्य कोविड-19 के इलाज की सुविधाओं के विकास के लिए है। संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जरूरी मेडिकल उपकरणों और दवाओं की खरीद होगी। भविष्य में होने वाली बीमारियों से निपटने और तैयारियों में मदद के लिए देश और राज्यों का हेल्थ सिस्टम बनेगा और मजबूत होगा।

अन्य- 22 मार्च के बाद से टैक्स में रियायत के कारण रेवेन्यू में 8 हजार करोड़ रुपए की कमी आई।



  • 20.97 लाख करोड़ के पैकेज में केवल 14 फीसदी जनता के फायदे के लिए सीधे खर्च किया गया है।
  • पैकेज का 75 फीसदी हिस्सा बेंकों और एनबीएफसी की लिक्विडिटी सुधारने के लिए खर्च किया गया है।
  • 20.97 लाख करोड़ के पैकेज में सरकार नं केवल 3.15 लाख करोड़ रुपए वास्तव में खर्च किए हैं। यह देश की जीडीपी का 1.58% है।


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In the package of Rs 20.97 lakh crore, direct relief to the people is only Rs 3.15 lakh crore. Let's understand the details of the rest and account of every penny


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