देश की आर्थिक राजधानी मुंबई इन दिनों कोरोना की सबसे बुरी मार झेल रही है। 27 मई तक यहां कोरोना के 34 हजार 18 मामले आ चुके हैं। जबकि, पूरे महाराष्ट्र में 56 हजार 948 मरीज मिले हैं। यानी, पूरे महाराष्ट्र में जितने केस हैं, उसका 60% अकेले मुंबई में हैं। महाराष्ट्र के 36 में से 35 जिलों में 22 हजार 930 मामले ही हैं।
इतना ही नहीं, देश के 29 राज्यों को भी मिलाकर उतने मरीज नहीं होते, जितने मरीज अकेले मुंबई में हैं। 29 राज्यों में 33 हजार 92 मामले मिल चुके हैं। जबकि, देश के 30 राज्यों में कुल मिलाकर 1 हजार 87 मौतें हुई हैं और सिर्फ मुंबई में 1 हजार 97 मौतें।
27 दिन में देश में मामले 371% बढ़े, लेकिन मुंबई में 382% बढ़ोतरी
मई में कोरोना की रफ्तार काफी बढ़ गई। 30 अप्रैल तक देश में 33 हजार 610 मामले थे। लेकिन, 27 मई तक मामले 371% बढ़कर 1 लाख 58 हजार 333 हो गए।
जबकि, मुंबई में मई के महीने में कोरोना की रफ्तार देश के मुकाबले 10% से ज्यादा रही। मुंबई में 30 अप्रैल तक 7 हजार 61 मामले थे। जबकि, 27 मई तक 34 हजार 18 मामले हो गए। यानी, मुंबई में 30 अप्रैल के बाद मामले 382% बढ़ गए। वहीं, महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या में 442% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई।
मुंबई में कितने कोविड अस्पताल हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों की हेल्थ फैसिलिटी को तीन कैटेगरी में बांटा है।
- पहली कैटेगरी में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल हैं, जहां गंभीर मरीजों का इलाज होगा।
- दूसरी कैटेगरी कोविड हेल्थ सेंटर है, जहां कम गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा।
- तीसरी कैटेगरी में कोविड केयर सेंटर है, जहां बिना लक्षण वाले या कम लक्षण मरीजों को रखा जाएगा।
महाराष्ट्र के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, राज्य में कुल 276 कोविड अस्पताल, 453 कोविड हेल्थ सेंटर और 1,643 कोविड केयर सेंटर हैं। इनमें से मुंबई में 41 कोविड अस्पताल, 25 कोविड हेल्थ सेंटर और 463 कोविड केयर सेंटर हैं।
मुंबई के 41 कोविड अस्पतालों में 6 हजार 420 आइसोलेशन बेड हैं, जिनमें से 5 हजार 20 बेड कन्फर्म केस और 1 हजार 400 बेड सस्पेक्टेड केस के लिए हैं।
आइसोलेशन बेड के अलावा 3 हजार 309 ऑक्सीजन सपोर्ट और 865 आईसीयू बेड हैं। 353 वेंटिलेटर हैं।
मुंबई में क्यों कोरोना संक्रमण तेजी से फैला, इसके तीन कारण
- पहला कारण : मुंबई, दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला शहर है। यहां करीब 1.5 करोड़ की आबादी 600 स्क्वायर किमी में रहती है। यहां हर एक किमी के दायरे में 32 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं।
- दूसरा कारण : आर्थिक राजधानी होने की वजह से ऑफिस के काम से विदेशियों का मुंबई आना-जाना लगा रहता है। मुंबई के लोग भी दूसरे देश आते-जाते रहते हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि मार्च-अप्रैल में मुंबई एयरपोर्ट पर 4.79 लाख अंतर्राष्ट्रीय और 16.71 लाख घरेलू यात्रियों का मूवमेंट रहा था।
- तीसरा कारण : मुंबई में कोरोना का पहला मरीज 6 मार्च को मिला। इसके बाद 17 मार्च से यहां आंशिक लॉकडाउन लग गया। लेकिन लोकल ट्रेन और बसें चलती रहीं। सरकार की अपील के बावजूद लोग भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन और बसों से सफर करते रहे। बाद में 23 मार्च से यहां पूरी तरह लोकल ट्रेन और बसों में रोक लगा दी।
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