दुनियाभर में 59 लाख लोग कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं, जबकि साढ़े तीन लाख से ज्यादा जान गंवा चुके हैं। ऐसे में डेनमार्क के वैज्ञानिकों ने एक रोबोट बनाया है, जो खुद ही टेस्ट के लिए स्वाब लेकर उसे सुरक्षित करने का काम कर लेता है। इसका फायदा यह है कि इससे नमूना लेने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा। रोबोट को यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न डेनमार्क ने बनाया है। यह कोरोना टेस्ट के लिए दुनिया का पहला ऑटोमैटिक रोबोट है।
इसे बनाने वाले प्रोफेसर थियुसियुस रजीत सवारीमुथु बताते हैं,‘सबसे पहले अपना टेस्ट किया। हैरान था कि रोबोट ने आसानी से गले में उस जगह स्वाब पहुंचाया, जहां उसे पहुंचाना था। यह बड़ी सफलता है।’ वे करीब एक महीने से 10 लोगों की टीम के साथ रोबोट विकसित करने में लगे थे। अभी नमूना लेने के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट पहन कर रखनी होती है। इन्हें दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों से उम्मीद की जाती है कि वे कम से कम 8-9 घंटों तक इन्हें पहन कर रखें। ऐसे में रोबोट से मदद मिलेगी।
जून से शुरू हो सकता है 3-डी प्रिंटर से बने इस रोबोट का इस्तेमाल
मरीज इस रोबोट के सामने बैठकर मुंह खोलता है और रोबोट उसके मुंह में स्वाब डालता है। फिर सैंपल लेकर रोबोट उस स्वाब को टेस्ट ट्यूब में डाल कर पैक कर देता है। स्वाब टेस्ट सबसे सटीक है, पर इसमें सैंपल लेने वाले के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। रोबोट की वजह से यह जोखिम खत्म हो जाएगा। 3-डी प्रिंटर से बने इस रोबोट का इस्तेमाल जून से शुरू हो सकता है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar
0 Comments