क्या वायरल:फेसबुक औरट्विटर पर एक पोस्ट वायरल हो रही है किनेपाल पुलिस ने भारतीय सेना के 13 जवानों को गिरफ्तार कर लिया है। वायरल मैसेज के साथ आज तक न्यूज चैनल का एक वीडियो भी है। जिसके बुलेटिन में गिरफ्तारी की खबर प्रसारित हो रही है।
- फेसबुक पर की गई एक पोस्ट
- ट्विटर पर भी हो रही वायरल
- फैक्ट चेक पड़ताल
- नेपाल और भारत के किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमें हाल की ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें भारतीय सेना के जवानों की नेपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की सूचना हो।
- चूंकि वायरल मैसेज में आज तक का वीडियो है। इसलिए हमने आज तक की वेबसाइट पर ही इस खबर को खोजना शुरू किया।
- आजतक की वेबसाइट के वीडियो सेक्शन में हमें 29 नवंबर, 2015 का यानी लगभग पांच साल पुराना एक वीडियो मिला। यह वही वीडियो है जिसे सोशल मीडिया पर इस समय वायरल किया जा रहा है।
- दैनिक भास्कर में 29 और 30 नवंबर को ये खबर प्रमुखता से छपी थी कि- नेपाल ने13 भारतीय जवानोंको पहले बंधक बनाया, लेकिन फिरपांच घंटे बाद छोड़ दिया था। ( यहां पढ़ें पूरी खबर )
- इस खबरके अनुसार 29 नवंबर 2015 को भारत और नेपाल के बीच रविवार को तनाव उस समय बढ़ गया जब तड़के नेपाल पुलिस ने भारतीय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 13 जवानों को पकड़ कर बंधक बना लिया। लंबी जद्दोजहद के बाद पांच घंटे बाद इन्हें छुड़वाया जा सका।
- दरअसल, भारत केएसएसबी गश्ती दल ने बिहार के किशनगंज जिले में अंबारी-केचना सीमा पर डीजल तस्करों की गतिविधियां देखीं थीं। केचना नेपाल के झापा जिले में है। इसके बाद एसएसबी जवान तस्करों का पीछा करते हुए नेपाल सीमा के खुंटनमनी गांव में 50 मीटर तक अंदर चले गए थे जिन्हें नेपाल नेबंधक बना लिया था।
- 29 नवंबर, 2015 को द हिंदूवेबसाइट पर भी इस घटना से जुड़ी एक खबर छपी थी। इसके अनुसार सशस्त्र सीमा बल के 13 जवानों को नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स ने गिरफ्तार किया था।
- वीडियो और इनखबरों से यह स्पष्ट हो गया कि यह घटना पांचसाल पुरानी है।
- नेपाल ने अपने नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र के रूप में दिखाया है। जिसके चलते भारत और नेपाल के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस तनाव के बीच कुछ लोग चार साल पुरानी खबर को हाल ही की घटना की तरह शेयर करके भ्रम फैला रहे हैं।
निष्कर्ष : नेपाल पुलिस द्वारा 13 भारतीय जवानों की गिरफ्तारी वाली खबर पांच साल पुरानी है। इस समय इसे वायरल करके लोगों में झूठ फैलाया जा रहा है।
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from Dainik Bhaskar
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