देश में शुक्रवार काे लगातार छठे दिन पेट्रोल और डीजल महंगे हुए। पेट्रोल 57 पैसे, डीजल 59 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ। छह दिन में पेट्रोल की कीमत 3.31 और डीजल की 3.42 रु. बढ़ चुकी है। दिल्ली में पेट्राेल 74.57 औरडीजल 72.81 रु. का है।
काेराेना संकट के बीच कच्चे तेल की कीमतें 66% तक कम हुई थीं, लेकिन सरकार ने आम लाेगाें काे फायदा पहुंचाने के बजाए पेट्रोल पर 13 रु. और डीजल पर 16 रु. एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। साथ में कई राज्याें ने वैट बढ़ा दिया। सरकार टैक्स न बढ़ाती ताे पेट्रोल-डीजल आज 15 से 20 रु. तक सस्ता हाेता।
जनवरी में कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल था, जो 21 अप्रैल को 20 डॉलर का रह गया। फिलहाल कीमत 38 डॉलर प्रति बैरल है। अनलाॅक-1 के दाैरान 1 जून से पेट्राेल-डीजल की मांग तेजी से बढ़ी है। इसे देखते हुए तेल कंपनियाें ने 6 जून से धीरे-धीरे दाम बढ़ाने शुरू कर दिए।
फायदा हम तक पहुंचने से सरकार ने यूं रोका
- जीएसटी लागू होने के बाद से केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाती है।
- 12 मार्च 2020 तक यह दोनों मिलाकर पेट्रोल पर कुल केंद्रीय टैक्स 17 रु. और डीजल पर 11 रु./लीटर था।
- 13 मार्च को केंद्र ने टैक्स में इजाफा किया और पेट्रोल पर कुल टैक्स 20 रु. और डीजल पर 14 रु. हो गया।
- 5 जून को केंद्र ने बड़ी बढ़ोतरी की। पेट्रोल पर टैक्स 10 रु. बढ़ाकर 30, डीजल पर 13 रु. बढ़ाकर 27 रु. किया।
- सेस मिलाकर पेट्रोल पर एक्साइज दर 32.98 रु., डीजल पर 31.83 रु. हुई।
- राज्य पेट्रोल-डीजल पर वैट लेते हैं। केंद्र के टैक्स बढ़ाने से वैट स्वत: बढ़ जाता है। कई राज्यों में अलग से भी टैक्स।
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from Dainik Bhaskar
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