वेटेरन और वॉर हीरोज के जन्मदिन को खास बनाने खुद एयरफोर्स चीफ करते हैं फोन, घर पर केक लेकर जाते हैं ऑफिसर्स

भारतीय वायुसेना अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। एयरफोर्स अपने जांबाजों और उनके योगदान को कभी नहीं भूलती और यही जताने के लिए अब वो अपने वॉर हीरोज, वेटेरन के जन्मदिन को एक अलग अंदाज में मना रही है।

वायुसेना के सबसे उम्रदराज रिटायर्ड वॉरंट ऑफिसर पीडी पांडियन ने हाल ही में अपना 100वां जन्मदिन मनाया है। तमिलनाडु के थूथुकुडी में रहने वाले पांडियन के 100वें जन्मदिन पर एयरफोर्स के ऑफिसर उनके घर केक लेकर पहुंचे थे। यही नहीं इस मौके पर खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने उन्हें फोन कर जन्मदिन की बधाई दी और वायुसेवा में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

पांडियन कहते हैं, ‘मुझे तो पता ही नहीं था कि त्रिवेंद्रम से एयरफोर्स के ऑफिसर मेरे घर आकर मेरे जन्मदिन को इस तरह यादगार बना देंगे। खुद एयरफोर्स चीफ ने कॉल किया तो मैं सचमुच भावुक हो गया। यह जानकर खुशी हुई कि एयरफोर्स अपने वेटेरन को कभी नहीं भूलती है।’

31 साल में हजारों वायुसैनिकों को किया प्रशिक्षित
पांडियन 1944 में रॉयल इंडियन एयर फोर्स में बतौर एयरक्राफ्टमैन भर्ती हुए और 1975 में 55 साल की उम्र में ग्राउंड ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर के रूप में रिटायर्ड हुए। भर्ती होने से पहले, वे दो साल तक एक स्कूल में बतौर शिक्षक पढ़ाया करते थे। अपनी 31 सालकी सर्विस में पांडियन ने हजारों वायुसैनिकों को प्रशिक्षित किया है।

पांडियन अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने दक्षिणी कमान वॉलीबॉल टीम को लीड किया और विजयवाड़ा दक्षिण रेलवे संस्थान वॉलीबॉल टीम के कोच भी रहे। वो कहते हैं, ‘मेरे लिए यह खुशी की बात है कि मैं इतनी लंबी उम्र जी रहा हूं। इसके लिए मैंने अपनी हेल्थ, डाइट और फिटनेस का खास ख्याल रखा है। वो कहते हैं, ‘मैं अपने समय में एक सख्त ट्रेनर था इसलिए मुझे अपने साथियों के बीच रफ एंड टफ व्यक्ति कहा जाता था। मैं आज भी अपने दिन की शुरुआत आसपास साफ-सफाई से करता हूं। रोजअखबार पढ़ता हूं और एक्सरसाइज करता हूं।’

अपने 100वें जन्मदिन पर केक काटते पीडी पांडियन।

पांडियन के बेटे जैकब जबराज कहते हैं कि, ‘अगर दस साल पहले पापा को चिकनगुनिया नहीं होता तो वो इस उम्र में भी बॉलीवॉल खेल सकते थे। चिकनगुनिया और डायबिटीज के उपचार के दौरान उनके दाहिने पैर के 20 फीसदी हिस्से में लकवा मार गया।’ जैकब के मुताबिक उनके पापा आज भी वक्त के पाबंद हैं, अपना हर काम खुद और तय समय पर करते हैं। वे रोज बगैर शीशा देखे 3 मिनट में खुद शेविंग करते हैं। कोरोना के इस दौर में उन्होंने लॉकडाउन का बखूबी पालन किया और लोगों को भी प्रेरित किया। उन्होंने खुद मशीन से सिलाई कर पांच फेस मास्क भी बनाए हैं।

ब्रिटिश आरआईएएफ के दौर को याद करते हुए पांडियन कहते हैं, तब ट्रेनिंग अलग होती थी, आज की तुलना में काफी ज्यादा मुश्किल। तब भारतीय और ब्रिटिश सोल्जर्स की सैलरी में भी काफी असमानता थी। एक अंग्रेज फिजिकज ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर को 1 हजाररुपए महीना वेतन मिलता था जबकि उसी रैंक के एक भारतीय को महज 40 रुपए वेतन दिया जाता था। उस दौर में ब्रिटिशर्स को आगे की लाइन में गद्दीदार कुर्सियां दी जाती थीं और भारतीयों को लकड़ी की बेंच पर बैठाया जाता था।

12 मई को वायुसेना ने रिटायर्ड कमोडोर खेड़ा के 100वें जन्मदिन पर बधाई दी

इससे पहले 12 मई कोवायुसेना ने रिटायर्ड कमोडोर मलिक सिंह खेड़ा के 100वें जन्मदिन पर बधाई दी थी। इसी तरह पिछले साल भी 30 अक्टूबर को इंडियन एयर फोर्स की ओर से रिटायर्ड एयर मार्शल पीवी अय्यर के 90वें जन्मदिन पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें अय्यर जिम में पुशअप्स करते दिख रहे थे। वायुसेना ने ट्वीट में लिखा भी था - "एयर मार्शल बहुत लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। उन्होंने साबित किया है कि उम्र तो महज एक नंबर है।’



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भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड वॉरंट ऑफिसर पीडी पांडियन का 100वां जन्मदिन मनाते ऑफिसर्स।


from Dainik Bhaskar

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