खिलाड़ी पर असर पड़ना स्वाभाविक है, उसे हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा: विजेंदर

बीजिंग ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बॉक्सर विजेंदर सिंह कोरोनावायरस महामारी को लेकर चिंतित हैं। उनका मानना है कि इसका खिलाड़ियों पर असर पड़ना स्वाभाविक है।

उनका कहना है, ‘खिलाड़ी को खुद को हर कंडीशन के लिए तैयार रखना चाहिए। ओलिंपिक होगा या नहीं, वर्ल्ड चैंपियनशिप होगी या नहीं, इन सब बातों को भूलकर खिलाड़ी को खेल पर फोकस करना चाहिए।’ विजेंदर से इंटरव्यू के प्रमुख अंश...

बॉक्सिंग कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स है, आने वाला समय कठिन होगा। खिलाड़ी खुद को कैसे तैयार करें?

विजेंदर: जान है तो जहान है। आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों बॉक्सिंग करनी पड़ेगी। ओलिंपिक होगा जरूर, आज नहीं तो कल। अपने आपको फिट रखें, ट्रेनिंग जरूर जारी रखें। वैक्सीन आए या नहीं, खिलाड़ियों और आम जनता को बीमारी के साथ ही जीना सीखना होगा। लेकिन जब बॉक्सर आपस में प्रैक्टिस ही नहीं कर सकेगा, रिंग में नहीं लड़ सकेगा तो जितनी चाहे प्रैक्टिस कर लो कोई फायदा नहीं होने वाला।

आपने लगातार 12 प्रोफेशनल फाइट जीतीं। आपके प्रोफेशनल करिअर पर भी ब्रेक लग गया है?
विजेंदर:
मेरा प्रोफेशनल मैच मई-जून में था। हम प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी घोषणा करने वाले थे। मैं ब्रिटेन जाने वाला था। फिर कोरोना आया। लॉकडाउन 1, 2, 3, 4 हुआ। अब धीरे-धीरे चीजें अनलॉक होनी शुरू हुई हैं। इंतजार कर रहा हूं। फिटनेस करता हूं। वीडियो वगैरह भी शूट करता हूं।

दो महीने से ज्यादा का लॉकडाउन का समय कैसे बिताया?
विजेंदर:
जब से प्रोफेशनल बॉक्सिंग करने लगा हूं, तब से इतना लंबा समय परिवार के साथ नहीं बिताया। बेटों अबीर, अमरीक के साथ गांव में समय बिता कर बचपन याद आ गया।

खिलाड़ियों के लिए सबकुछ कब तक सामान्य हो जाएगा?
विजेंदर:
अभी सामान्य होने में समय लगेगा। खिलाड़ी ही नहीं आम आदमी के अंदर भी इस बीमारी का खौफ बैठ गया है। उसे निकलने में टाइम लगेगा।

दोनों बेटों को किस खेल में रुचि है। क्या अपनी तरह ही बॉक्सर बनाएंगे?
विजेंदर:
बड़ा बेटा छह साल और छोटा एक साल का है। अभी उनकी रुचि के बारे में नहीं पता। लेकिन मैं उन पर किसी तरह का दबाव नहीं डालूंगा। जिस खेल में जाना चाहें, जा सकते हैं। खेलों में नहीं भी गए तो कोई परेशानी नहीं होगी।

बिना फैंस के टूर्नामेंट के आयोजन से खिलाड़ी पर क्या असर पड़ेगा?
विजेंदर:
खिलाड़ी भीड़ से बचकर नहीं रह सकता। अगर खिलाड़ी खेलप्रेमियों के सामने अपनी प्रतिभा नहीं दिखा सकता तो उस खेल का कोई मतलब नहीं। अब यह कैसे होगा, इस बारे में अथॉरिटी ही गाइडलाइन बना सकती है। इस मुश्किल समय में जो सब्र रखेगा, वह खुद को बचा लेगा।

कोरोना से दुनियाभर के सभी खेलों में बदलाव आएगा: पांघल


बॉक्सर अमित पंघाल ने कहा कि कोविड-19 के कारण पूरे वर्ल्ड के स्पोर्ट्स में चेंज आया है। इसने बॉक्सिंग को भी प्रभावित किया है। आने वाले समय में नियम में बदलाव देखने को मिलेंगे। वे अभी घर पर ही अपने आप को तैयार कर रहे हैं। अमित फिटनेस पर काम कर रहे हैं, उनके पास पार्टनर नहीं है, इसलिए वे तकनीक पर काम नहीं कर पा रहे। खिलाड़ी से बातचीत की मुख्य बातें-

घर पर रहकर ट्रेनिंग कैसे की? इस टाइम को कैसे यूज किया?
पांघल:
मैंने स्ट्रेंथ पर काम किया। फेडरेशन ने हमें शेड्यूल भेजा, जिसे हम फॉलो करते रहे। उन्होंने सिंगल बॉक्सर के हिसाब से ट्रेनिंग कराई और इसका काफी फायदा मिला। इसमें बताया गया कि कैसे वेट ट्रेनिंग करनी है, किस पर फोकस करना है, गलतियां कैसे सुधारनी हैं। जहां जरूरत होती थी हम कोच से बात करके उनसे भी पूछ लेते थे।

लॉकडाउन टाइम में कुछ नई चीजें सीखीं। सबकुछ कब नॉर्मल हो सकता है?
पांघल:
बॉक्सिंग में मैं कुछ नया नहीं सीख पाया क्योंकि मेरे पास पार्टनर नहीं था। हां, घर के काम में मैंने चाय बनानी जरूर सीखी। घर वालों की काम में मदद करता हूं। स्थिति को नॉर्मल होने में एक महीने का समय लगेगा। अभी हमें भी कोरोना वायरस का डर है, क्योंकि सामने वाला बॉक्सर भी इससे प्रभावित हो सकता है। सभी डरे हुए हैं।

ओलिंपिक स्थगित हुए हैं। हर बॉक्सर अलग ट्रेनिंग करने की प्लानिंग कर रहा है। आपकी ट्रेनिंग में क्या बदलाव आया?
पांघल:
फिलहाल कोई प्लानिंग नहीं है, क्योंकि अभी कोई टूर्नामेंट नहीं होना है। जब टूर्नामेंट होगा तो उसी के हिसाब से ट्रेनिंग होगी। ओलिंपिक क्वालिफाइंग राउंड के बाद सभी बॉक्सर तैयारी को लेकर टॉप पर थे और मेरी भी परफॉर्मेंस अच्छी हो रही थी। अब ओलिंपिक स्थगित हो गए हैं तो हमें ट्रेनिंग के लिए ज्यादा टाइम मिलेगा। सभी अच्छे से बड़े मुकाबले के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे।

कोविड-19 से गेम में कुछ चेंज आएगा?
पांघल:
गेम में काफी चेंज आएगा। बॉक्सर प्रोटेक्शन में यूज होने वाले फेस-मास्क आदि को भी शेयर नहीं कर सकते। सोशल डिस्टेंसिंग भी बनाकर रखनी होगी।

इस बार सबसे ज्यादा 9 कोटा मिला है। ओलिंपिक में क्या उम्मीद है।
पांघल:
पिछले कुछ समय में बॉक्सिंग में काफी ज्यादा सुधार हुआ है। हमारे बॉक्सर जिस टूर्नामेंट में उतरे, मेडल जीतकर लौटे हैं। फिर चाहे कॉमनवेल्थ गेम्स हो या फिर एशियन गेम्स। पिछले 2-3 साल में हमने अपने स्टैंडर्ड को बढ़ाया है और इस बार कोटा भी हमारे पास सबसे ज्यादा हैं। टोक्यो ओलिंपिक में हम मेडल का रिकॉर्ड तोड़ेंगे। हमें तैयारी का भी ज्यादा टाइम मिल गया है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बीजिंग ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बॉक्सर विजेंदर सिंह कोरोनावायरस महामारी को लेकर चिंतित हैं। उनका मानना है कि इसका खिलाड़ियों पर असर पड़ना स्वाभाविक है। -फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar

Post a Comment

0 Comments