जन्म से लेकर मृत्यु तक असमानता से घिरे रहते हैं अश्वेत, न खुद के लिए बचत कर पाते हैं और न बच्चों के लिए: रिपोर्ट

अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस प्रताड़ना से मौत के बाद अमेरिका रंगभेद की आग से जूझ रहा है। फ्लॉयड की हत्या ही केवल नस्लीय भेदभाव का उदाहरण नहीं है, इसे अन्य असमानताओं से भी समझा जा सकता है। अमेरिका में लगभग हर चीज अश्वेतों के पास गोरों की तुलना में कम है। वे सिर्फ सामाजिक भेदभाव से नहीं लड़ रहे, बल्कि आर्थिक असमानता से भी जूझ रहे हैं। पढ़ाई हो या सुविधाएं, उन्हें हर जगह वंचित होना पड़ रहा है। यहां तक कि उन्हें अपना घर खरीदने में भी दिक्कतें होती हैं।

युवा परिवारों की आय श्वेतों से कमः बच्चों की पढ़ाई से लेकर देखभाल तक में अश्वेत पिछड़े हैं। इसकी वजह उनकी आय कम होना है। युवा दंपती की औसत आय करीब 27 लाख रुपए है, जबकि श्वेतों में यह 60 लाख रुपए है। मिश्रित नस्ल वाले परिवार में यह 48 लाख रु. है।

बचत 3 गुना कमः फेडरल रिजर्व के मुताबिक, अश्वेत करीब तीन गुना पीछे हैं। श्वेत परिवारों के खातों में औसत 1.13 करोड़ रुपए की बचत है, जबकि अश्वेतों के खातों में यह करीब 32.25 लाख है।

कॉलेज की पढ़ाईः ग्रेजुएशन पूरा करने वालों में अश्वेत सबसे पीछे हैं। सिर्फ 39% अश्वेत ही इसे पूरा कर पाते हैं, जबकि श्वेतों में यह 65% है।

एजुकेशन लोन और डिफॉल्टः कॉलेज की पढ़ाई वित्तीय सुरक्षा का रास्ता बनाती है, लेकिन कर्ज न चुकाने के कारण 21% अश्वेत डिफॉल्टर हो जाते हैं। जबकि श्वेत महज 4% और एशियाई 1.4% हैं।

श्वेतों की तुलना में दोगुना कर्जः अश्वेत छात्र बैचलर डिग्री के लिए औसत 48 लाख रुपए तक कर्ज लेते हैं, जबकि श्वेत 15 लाख तक। अश्वेतों की तरफ से कर्ज चुकाने में भी देरी होती है।

अपना घर खरीदने में 50 साल पीछेः इस मामले में अश्वेत करीब 50 साल पीछे हैं। 72% श्वेतों के पास अपने घर हैं, जबकि ऐसे अश्वेत सिर्फ 41% हैं। एशियाई 59.5% और हिस्पैनिक 47.5% भी उनसे आगे हैं।

रिटायरमेंट प्लान में भी पिछड़ेः पेंशन, रिटायरमेंट प्लान, होम इक्विटी और सोशल सिक्योरिटी के मामले में भी श्वेत आगे हैं। उनके पास संसाधन भी ज्यादा हैं। 60% श्वेत परिवारों के पासकम से कम एक रिटायरमेंट अकाउंट है, जबकि सिर्फ 34% अश्वेत परिवारों के पास यह अकाउंट है। फेडरल रिजर्व के मुताबिक, श्वेतों की तुलना में अश्वेत अगली पीढ़ी के लिए पर्याप्त बचत या संपत्ति भी नहीं छोड़ पाते।

श्वेतों के बराबर योग्यता के बावजूद सैलरी उनसे 27% तक कम
इकोनॉमिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के मुताबिक, समान योग्यता रखने के बावजूद 2019 में श्वेत-अश्वेतों की औसत सैलरी में अंतर बढ़ा है, जबकि अन्य समुदायों के लिए कम हुआ है। अगर किसी काम के लिए श्वेत को एक डॉलर मिलता है, तो उसी काम के लिए अश्वेत को सिर्फ 73 सेंट मिलते हैं, यानी 27%कम। एडवांस डिग्री के मामले में यह अंतर थोड़ा कम है। यहां अश्वेतों को 18% कम पैसे मिलते हैं। महिलाओं के मामले में तो यह अंतर 34% है।



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Blacks live in inequality from birth to death, save neither for themselves nor for children: report


from Dainik Bhaskar

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