कोरियोग्राफर सरोज खान का 71 साल में मुंबई में निधन हो गया। 16 साल की उम्र से काम कर रहीं सरोजउम्र के इस पड़ाव तक पहुंचने के बावजूद डांस कोरियोग्राफ कर रही थीं। सरोज खान के निधन के कुछ महीने पहले ही उन्होंने एक रीजनल फिल्म 'टाइगर ऑफ राजस्थान' का एक गाना कोरियोग्राफ किया था। इस फिल्म के डायरेक्टर अरविंद कुमार ने उनके साथ काम करने का अनुभव भास्कर के साथ शेयर किया है।
जैसे इस घूमर गाने की बात रखी उनके चेहरे का रंग ही बदल गया:
"हमने 22 और 24 फरवरी 2020 के बीच उनके साथ एक गाना शूट किया था, जोकि एक घूमर पर आधारित था। सरोज जी तकरीबन एक साल पहले ही हमारे घर के पीछे रहने आई थी। वो उनके भाई के साथ वह रहा करती थी। उनकी तबियत काफी वक्त से नाजुक थी लेकिन उन्होंने कभी काम करना बंद नहीं किया था। जब इस फिल्म की बात आई, तब मैंने सरोज जी को इस प्रोजेक्ट से जोड़ने की बात रखी। जाहिर हैं उम्र के इस पड़ाव पर काम करना थोड़ा मुश्किल होता हैं और इसीलिए हम भी असमंजस में थे कि वे इस गाने के लिए हामी भरेंगी या नहीं। चौकाने वाली बात ये हैं कि हमने जैसे इस घूमर गाने की बात रखी उनके चेहरे का रंग ही बदल गया। उन्होंने तुरंत इसे करने के लिए हामी भर दी।"
वह सिर्फ अपने एक्सप्रेशंस से काम किया करती थी:
वे आगे बताते हैं, "सरोज जी की पूरी टीम हैं जो हमेशा उनके साथ रहती थी। हमने 3 दिन तक इस गाने को शूट किया और सरोज जी हर दिन सेट पर मौजूद रहा करती थीं। वे ज्यादा देर तक खड़ी नहीं रह पाती थीं लेकिन अपने असिस्टेंट से कह कर आर्टिस्ट से स्टेप करवाती थीं। सेट विजिट, रिहर्सल से लेकर गाने की शूटिंग खत्म होने तक, हर जगह वह मौजूद रहती थीं। वह सिर्फ अपने एक्सप्रेशंस से काम किया करती थी।
सेट पर बस यही कहती - मैं इस गाने में जान डालना चाहती हूं:
2012 में मैंने और मेरी बीवी नीलू वाघेला ने नच बलिए में पार्टिसिपेट किया था। उस शो में सरोज जी गेस्ट बनकर आई थी। उस वक्त से उनके साथ काम करने की ख्वाहिश थी। आज उनके जाने के बाद यही कह सकता हूं कि ख्वाहिश तो पूरी हो गई लेकिन फिर भी कुछ अधूरा लग रहा हैं। मानो कुछ छूट गया हो। सेट पर वो बस यही कहा करती थी कि 'मैं इस गाने में जान डालना चाहती हू' और उनके ये शब्द मुझे हमेशा याद रहेंगे। ये गाना अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल पर फिल्माया गया था।
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