गणेशोत्सव की तैयारी शुरू; बेंगलुरू में भगवान की मूर्ति को डॉ. के वेशभूषे में सजाया, ईद-उल-अजहा: नहीं मिले गले, फासले से बोले- ईद मुबारक

देशभर में 22 अगस्त से गणेशोत्सव शुरू होगा। इसकी तैयारी तेज हो गई हैं। यह कोरोना काल है। इसलिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के मूर्तिकारों ने इस बार भगवान गणेश की मूर्ति को डॉक्टर के वेशभूषा से सजाया है। दृश्य ऐसा है कि डॉक्टर बने गणेश जी पीपीई किट पहनकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वहीं बगल में उनकी मदद के लिए मूषकराज खड़े हैं, जिनके हाथ में डॉक्टरों के टूल्स की ट्रे है।

नहीं मिले गले, फासले से बोले- ईद मुबारक

भोपाल समेत देशभर में शनिवार को त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा सादगी के साथ मनाया गया। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने घरों में नमाज अदाकर कोरोना से मुक्ति की दुआ मांगी। कुर्बानी भी घरों में रहकर ही दी गई। इस बार लोग एक-दूसरे के गले नहीं मिले, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए दूर से ही मुबारकबाद दी।

मरीजों के बीच डांस करती पहुंची नर्स

फोटो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की है। अस्पताल में 400 मरीजों के बीच जब पहली बार ड्यूटी करने डांस करते ये नर्सें वार्ड में पहुंचीं और मरीजों से बोलीं- कोरोना से डरो ना, हम हैं ना

नींव पूजन से पहले अयोध्या में भव्य सजावट

प्रभु राम के आने की सूचना पर अयोध्या की शोभा काफी बढ़ गई। शीतल और सुगंधित वायु मंद-मंद बहने लगी। सरयू का जल अति निर्मल हो गया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के नींव पूजन से पहले अयोध्या में भव्य सजावट की जा रही है। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा है। शनिवार रात की यह फोटो राम की पैड़ी की है।

2.43 लाख रुपए और 95 डॉलर से शृंगार

चिमटी भभूत में है खजाना कुबेर का, भगवान शिव के भजन की यह पंक्ति आज शहर के गौरीशंकर महादेव मंदिर शिवबाग में चरिर्ताथ हुई। श्रावण मास का शनिवार और प्रदोष होने के उपलक्ष्य में शिवभक्तों ने राजस्थान के नागौर में भगवान भाेले का नोटों से शृंगार किया। इन दिनों भगवान का नित्य नया शृंगार किया जा रहा है। शनिवार को दो हजार, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और एक के नोटों व डॉलर से शृंगार किया। 2.43 लाख रुपए और 95 डॉलर से गौरीशंकर महादेव का श्रृंगार किया गया।

वन विभाग को सौंपा पक्षी

राजस्थान के लंगेरा गांव की कोजाणियों की ढ़ाणी में पर्यावरण प्रेमी नरपत सिंह लंगेरा ने एक घायल उल्लू देखा। इसके बाद उन्होंने उल्लू का अपने स्तर पर प्राथमिक उपचार करने के साथ पानी भी पिलाया। उल्लू की जान बचाने के बाद वन विभाग बाड़मेर में स्थित रेस्क्यू सेंटर पर पहुंचाया।
अच्छे मौसम के चलते चारों ओर हरियाली

फोटो एशियाई सिंहवंश की शरणस्थली गिर अभयारण्य का है। यहां अच्छे मानसून के चलते चारों ओर हरियाली की‌ चादर पसरी हुई है। सिंहवंश का एक‌ समूह अभयारण्य के खुले मैदानी क्षेत्र में अठखेलियां कर रहा है। सासणगिर के डिप्टी कंजरवेटर, फॉरेस्ट ने वनराज समूह का यह फोटो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा है कि गिर में सिंहवंश का कुनबा 674 हो गया है। मानसून में जलभराव-बाढ़ की समस्या तथा घास वाले इलाकों में मच्छरों से बचने के लिए सिंहवंश समूह ऊंचाई वाले और पर्वतीय इलाके में पड़ाव डाल देते हैं।

सावन तो नहीं बरसा, पर मन मयूर नाचे

फोटो राजस्थान के बीकानेर की है। सावन आते ही झूले लग जाते हैं। भले ही अब परंपरागत झूलों का आनंद लेना लोगों ने कम कर दिया। बच्चे-महिलाएं पेड़ों की टहनियों से झूले बांधकर आनंद लेते हैं। हालांकि इस बार शहर में सावन नहीं बरसा। मेडिकल कॉलेज के पास झूलों का आनंद लेते बच्चे।



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Preparations begin for Ganeshotsav; Idol of God in Bengaluru decorated in Dr.'s costume


from Dainik Bhaskar

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