चार साल पहले इंडियन आइडल के ऑडिशन में गाने का पहला शब्द सुनते ही रिजेक्ट कर दिया था; आज हर किसी की जुबान पर उसके ही बोल हैं

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक एंटरटेनिंग वीडियो, जो किसी को चिढ़ाने के लिए या किसी को हंसाने के लिए खूब शेयर हो रहा है। कॉमन मैन हो या सेलिब्रिटी, हर कोई इस वीडियो को शेयर कर रहा है। ये वीडियो है रसोड़े में कौन था...24 साल के एक म्यूजिशियन ने एक टीवी सीरियल के इस डायलॉग को लेकर म्यूजिक और बीट पर काम किया और ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

यह एक नया जोनर है, म्यूजिक की भाषा में इस तरह के वीडियो को डायलॉग्स विद बीट्स या रैप वीडियो कहते हैं। इस वायरल वीडियो को कंपोज किया है औरंगाबाद के रहने वाले यशराज मुखाते ने। इस वीडियो के बाद यशराज अब सोशल मीडिया स्टार बन चुके हैं। वायरल वीडियो के क्रिएशन से लेकर अपनी लाइफ के बारे में यशराज ने भास्कर से बातचीत की।

रसोड़े में कौन था?’ बरसों पहले ‘स्टार प्लस’ पर आने वाले सीरियल ‘साथ निभाना साथिया’ का ये डायलॉग सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो को गाने का फॉर्म देने वाले ऑनलाइन क्रिएटर यशराज मुखाते रातों-रात सोशल मीडिया स्टार बन गए हैं।

यशराज ने बताया कि रसोड़े में कौन था...इस एक डायलॉग ने उनकी जिंदगी बदल दी। 20 अगस्त की शाम को जब यह वीडियो अपलोड किया, उस वक्त इंस्टाग्राम पर 25 हजार फॉलोवर थे, अब एक हफ्ते के अंदर सात लाख से ज्यादा हो चुके हैं। वहीं यूट्यूब के सब्सक्राइबर भी 10 हजार से बढ़कर अब 10 लाख के पार हो गए हैं।

कंटेट पर जब मीम्स बनने लगे तो समझो वो सही मायने में वायरल हुआ है

यशराज बताते हैं कि रसोड़े में कौन था...बनाते समय मैंने सोचा नहीं था कि ये इतना वायरल हो जाएगा। एक दिन फेसबुक पर स्क्रॉल करते हुए मैंने ये वीडियो देखा। मुझे समझ में आया कि इस किरदार के डायलॉग में सुर और रिदम है। उनके इस तरीके ने मुझे इंस्पायर किया, इसके बाद मैंने इसमें म्यूजिक और हार्मोनी डाली।

यशराज ने बताया कि मेरे दोस्तों ने कहा कि ये वीडियो उतना खास नहीं है, क्योंकि हम तेरे काम को जानते हैं और पहले से सुनते आ रहे हैं। पता नहीं लोगों को इसमें क्या अच्छा लग गया। लेकिन, मुझे लगता है कि लोग इन किरदारों से बहुत जुड़े हुए हैं, इसलिए लोगों ने इससे ज्यादा रिलेट किया।

यशराज कहते हैं कि वीडियो शेयर होने के बाद बड़े-बड़े सेलेब्स, पॉलिटिशियन ने तो शेयर किया ही, लेकिन जब इस पर मीम्स बनने लगे तो असल मायने में तब समझ में आया कि ये वायरल हुआ है।​ क्योंकि किसी भी कंटेट पर जब मीम्स बनने लगे तो समझो वो कंटेंट यंगस्टर्स तक पहुंचा है और सही मायने में वायरल हुआ है।

यशराज ने 20 अगस्त की शाम को यह वीडियो अपलोड किया उस वक्त इंस्टाग्राम पर 25 हजार फॉलोवर थे, उसके बाद एक हफ्ते के अंदर सात लाख से ज्यादा हो गए।

कोकिलाबेन का कॉल आया तो मुझे लगा कि डांटने के लिए कॉल किया है

यशराज बताते हैं कि “इस वीडियो के बाद मुझे कोकिलाबेन का किरदार निभाने वालीं रूपल जी का कॉल आया। जब उन्होंने बताया कि वो कोकिलाबेन बोल रही हैं तो मुझे लगा कि उन्होंने मुझे डांटने के लिए कॉल किया है, लेकिन उन्होंने मेरे काम को बहुत एप्रिशिएट किया। उन्होंने कहा कि तुमने सही मायने में मेरे डिक्शन को पकड़ा है।

यशराज ने बताया कि मैं अनुराग कश्यप का बचपन से ही फैन हूं। उन्होंने मेरा काम देखकर मुझे मैसेज किया और कहा कि कभी स्टूडियो मिलने आओ, साथ में कुछ करते हैं। ये मेरे लिए अब तक का सबसे मोटिवेशनल कमेंट था।”

बॉलीवुड म्यूजिक डायरेक्टर और सिंगर अमित त्रिवेदी के साथ यशराज।

अमित त्रिवेदी को भगवान मानता हूं, उनके रिएक्शन का इंतजार है

यशराज कहते हैं कि “मुझे बॉलीवुड म्यूजिक डायरेक्टर और सिंगर अमित त्रिवेदी के रिएक्शन का इंतजार है। मैं उनको अपना भगवान मानता हूं, मैं चाहता हूं कि उन तक यह वीडियो पहुंचे। अगर उन्होंने इस वीडियो को शेयर किया या इस पर कोई कमेंट ​किया तो मेरा अब तक का म्यूजिक बनाना सार्थक हो जाएगा।”

यशराज 2016 में इंडियन आइडल में ऑडिशन देने गए थे लेकिन उन्हें पहले ही राउंड में बाहर होना पड़ा था।

इंडियन आइडल में गया था, गाने का पहला शब्द सुनते ही मुझे रिजेक्ट कर दिया

यशराज ने बताया “मैं साल 2016 में पापा के कहने पर इंडियन आइडल में ऑडिशन देने गया था। वहां स्टूडियो राउंड से पहले भी तीन राउंड होते हैं। उसके फर्स्ट राउंड में ही मुझे बाहर कर दिया। दरअसल, वहां प्रोडक्शन हाउस के टीम मेंबर्स, 10 लोगों को एक साथ खड़ा करके गाना गाने को कहते हैं। जब मेरा नंबर आया तो मैंने ‘रॉय’ फिल्म का ‘तू है कि नहीं...’ गाना शुरू किया।

मैंने गाने का पहला शब्द ‘तुझसे ही…’ गाया कि टीम ने मुझे बाहर जाने को कह दिया, उन्होंने मेरी पूरी आवाज तक नहीं सुनी थी। उन्होंने कहा कि नेक्स्ट टाइम ट्राय करना। मुझे समझ ही नहीं आया कि ये मेरे साथ क्या हुआ। क्योंकि मैं उसी गाने पर पहले कई कॉम्पिटिशन जीत चुका था। इस ऑडिशन के बाद मैंने सोच लिया था कि मुझे सि​गिंग पर नहीं अपने बाकी स्किल पर फोकस करना है। ​हालांकि, बाद में जब मैंने अपने गाने बनाए तो लोगों को मेरी आवाज भी काफी पसंद आई।”

यशराज के पापा भी म्यूजिशियन हैं, मां कपड़ों का कारोबार करती हैं,एक शादीशुदा बहन भी हैं जो आर्किटेक्ट हैं।

मां के कहने पर इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया

यशराज ने साल 2010 में अपनी स्कूलिंग औरंगाबाद के होली क्रॉस स्कूल से पूरी की और उसके बाद औरंगाबाद के एमआईटी कॉलेज से पॉलिटेक्निक की। इसके बाद यशराज ने पुणे के सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इस बीच म्यूजिक भी चलता रहा।

यशराज कहते हैं कि उन्हें इंजीनियरिंग में कोई खास इंट्रेस्ट नहीं था, लेकिन मां ने कहा कि करियर सिक्योरिटी के लिहाज से एक डिग्री तो कर ले, उसके बाद जो चाहे कर लेना। साल 2017 में वो इंजीनियरिंग के बाद पूरी तरह से म्यूजिक में आ गए। शुरुआत में वो लोगों के गाए हुए गानों के कवर्स बनाते थे। धीरे-धीरे उनके काम को इंटरनेट पर देखकर लोगों ने अप्रोच करना शुरू किया।

यशराज ने अपना पहला पियानो कवर इंग्लिश सॉन्ग ‘वेक मी अप...’ का बनाया। यह यूट्यूब पर उनका पहला वीडियो था। इसके बाद फिर मोहब्बत गाने का पियानो कवर बनाया। फिर खुद कवर सॉन्ग गाने लगे। पहला कवर सॉन्ग चन्ना मेरेया गाया।

यशराज ने बताया कि इंजीनियरिंग के बाद वो म्यूजिक में अपना करियर बनाने मुंबई भी पहुंचे, लेकिन दो महीनों में ही उन्हें वापस औरंगाबाद लौटना पड़ा। इसके बाद उनके पिता ने उन्हें घर के पार्किंग एरिया में करीब 9 लाख रुपए की लागत से म्यूजिक स्टूडियो बनवाकर दिया।

बॉलीवुड म्यूजिक डायरेक्टर सलीम मर्चेंट के साथ यशराज। सलीम ने इनके काम की सराहना की थी।

मौला मेरे…गाने का एकापेला वर्जन सलीम मर्चेंट ने शेयर किया

यशराज कहते हैं, “साल 2018 में मैंने एकापेला वर्जन में ‘मौला मेरे ले ले मेरी जान…’ गाना बनाकर अपलोड किया था। एकापेला यानी ऐसा गाना जिसमें किसी भी म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाता पूरा म्यूजिक मुंह से, ताली से ही क्रिएट करते हैं। इस गाने को बॉलीवुड म्यूजिक डायरेक्टर सलीम मर्चेंट ने सोशल मीडिया पर देखा और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया। ​

इसके बाद मैंने उन्हें मैसेज करके पूछा कि क्या मैं आपसे मिलने आपके स्टूडियो आ सकता हूं। उन्होंने हां कहा और मैं मुम्बई गया। वहां उन्होंने मुझे पूरा स्टूडियो दिखाया, मैंने वहां सभी टेक्नीकल प्वाइंट्स को देखा। मैंने कहा कि अगर आपको कोई असिस्टेंट चाहिए तो मैं कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि तुम खुद बेहतर गाने कंपोज कर सकते हो, इस बात से मुझे मोटीवेशन मिला। इसके बाद मैं अब तक अपने खुद के छह गाने बना चुका हूं।”

यशराज ने साल 2010 में अपनी स्कूलिंग औरंगाबाद के होली क्रॉस स्कूल से पूरी की और पुणे के सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया है।

म्यूजिक मेरे जीन में है, पापा भी म्यूजिशियन हैं

यशराज बताते हैं कि म्यूजिक उनके जीन में है, पापा भी म्यूजिशियन हैं, थोड़ा म्यूजिक पापा से मिला और थोड़ा प्रैक्टिस करके इंटरनेट से सीखा है। उन्होंने अपना पहला स्टेज शो अपने पिता के साथ तीन साल की उम्र में किया था। स्कूल और कॉलेज में भी यशराज ने म्यूजिक में अवार्ड हासिल किए।

यशराज ने बताया कि अभी वो फ्रीलांसिंग म्यूजिक प्रोडक्शन करते हैं और विज्ञापन, जिंगल्स, वॉइस ओवर और गाने बनाते हैं। यशराज के पिता एक संगीतकार होने के साथ-साथ प्रॉपर्टी बिल्डर भी हैं। उनकी मां कपड़ों का कारोबार करती हैं, यशराज की एक शादीशुदा बहन भी हैं जो आर्किटेक्ट हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
यशराज ने बताया कि रसोड़े में कौन था... ने उनकी ज़िंदगी बदल दी। एक हफ्ते में इंस्टाग्राम पर सात लाख फॉलोअर, यूट्यूब पर 1 मिलियन सब्सक्राइबर हो गए हैं।


from Dainik Bhaskar

Post a Comment

0 Comments