ब्रेक लेकर आंखों का ख्याल रखें, दोस्तों के साथ बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आईपीएल देखें; स्क्रीनटाइम के दौरान 6 बातों का ध्यान रखें

आगामी शनिवार यानी 19 सितंबर से इंडियन प्रीमियर लीग का आगाज होने जा रहा है। देखा जाए तो आईपीएल के 12 सीजन आ चुके हैं, लेकिन महामारी के दौरान यह पहली बार होगा कि लोग इतने बड़े टूर्नामेंट का सावधानियों के साथ मजा लेंगे। खास बात है कि इस बार आईपीएल केवल मैदान ही नहीं, सड़कों, दुकानों और घरों में भी अलग तरह से नजर आएगा।

अब जब क्रिकेट प्रेमियों का पसंदीदा आईपीएल फिर से शुरू हो रहा है तो उत्साह होना सही है, लेकिन हमें इस दौरान कई सावधानियां भी रखनी होंगी। जैसे- आंखों का ख्याल, सोशल डिस्टेंसिंग, फूड सेफ्टी। क्योंकि कई बार हम दोस्तों या रिश्तेदारों के बीच होते हैं और दूरी नहीं बना पाते और हाइजीन का ख्याल भी मुश्किल हो जाता है। लाखों दर्शक इस टूर्नामेंट का मजा टीवी पर लेंगे, जबकि कुछ अपनी मोबाइल स्क्रीन पर मैच देखेंगे। इसलिए सावधानी बहुत जरूरी हैं।

मैच देखने के दौरान 3 बातों का ध्यान रखें-

1. सोशल डिस्टेंसिंग: क्रिकेट देखने के लिए जगह का हमेशा ही क्रेज रहा है। दोस्त एक साथ शामिल होते हैं, दुकानों पर भीड़ लगती है। हालांकि, अब यह माहौल मुमकिन नहीं है। खासतौर से छोटी जगहों पर। अगर आप दूसरों के साथ मैच का मजा लेना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि बड़ी जगह का चुनाव करें, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। पूरे मैच के दौरान मास्क का खास ध्यान रखें।

2. खुली जगह का चुनाव: एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भीड़ के मामले में इंडोर के मुकाबले बाहर रहना ज्यादा सुरक्षित है। कोरोनावायरस के 100 मामलों को लेकर हुई एक जापानी स्टडी बताती है कि बाहर की तुलना में घर के अंदर कोरोनावायरस की चपेट में आने का जोखिम 20 गुना ज्यादा होता है। बाहर होने वाले कार्यक्रमों में जोखिम इसलिए कम होता है, क्योंकि हवा बूंदों को हटा देती है और सूरज की रोशनी वायरस को मार सकती है। ग्रुप के साथ इंडोर मैच देखने से बचें।

3. आंखों का ख्याल: महामारी शुरू होने के बाद से ही हमारा स्मार्टफोन, लैपटॉप जैसी डिजिटल डिवाइस से वास्ता बढ़ा है। दफ्तर से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक हर चीज घर से ही पूरी हो रही है। रामकृष्ण परमार्थ फाउंडेशन मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर और डॉक्टर वसुधा डामले कहती हैं कि लॉकडाउन के कारण मामले कम रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन आंखों की परेशानी से जूझ रहे लोगों की संख्या बढ़ी है। डॉक्टर डामले के अनुसार, स्क्रीन टाइम भी ड्राइनेस का मुख्य कारण है।

4. खाना खाते वक्त सावधानी: ग्रुप में मैच देखने के दौरान हम कई बार आपस खाने की चीजें भी शेयर कर लेते हैं। जबकि महामारी के दौरान इस बात की भी सावधानी बरतनी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, केवल गर्म चीज ही खाएं, क्योंकि यह ज्यादा सुरक्षित रहती है। कुछ भी खान से पहले सैनिटाइजर के बजाए हैंड वॉश से हाथ साफ करें।

स्क्रीन टाइम में कौन सी सावधानी रखें?

डॉक्टर वसुधा गैरजरूरी स्क्रीन टाइम में कटौती करने की सलाह भी देती हैं, क्योंकि जितना ज्यादा स्क्रीन टाइम उतनी ज्यादा दिक्कत। अगर क्रिकेट देखना चाहते हैं तो गेमिंग, मूवी जैसे एक्स्ट्रा स्क्रीन टाइम को कम कर सकते हैं। अगर आप अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहते हैं तो एक्सपर्ट्स की इन 6 सलाहों को मानें।

  1. बार-बार आंखें झपकाना: ऑप्थेलमोलॉजिस्ट डॉक्टर विनिता रमनानी के मुताबिक, आमतौर पर हमारी आंखें एक मिनट में 18-20 बार झपकती हैं, लेकिन स्क्रीन पर काम करते वक्त यह संख्या कम हो जाती है। इससे बचने के लिए कुछ देर में आंखों को बार-बार तेज झपकाएं।
  2. 20-20-20 रूल: डॉक्टर 20-20-20 नियम को फॉलो करने की सलाह देते हैं। इसमें आपको काम के दौरान हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फुट दूर की किसी चीज को देखना है। इससे आंखों की मसल्स रिलेक्स होती हैं।
  3. एसी से बचें: डॉक्टर डामले बताती हैं कि, एयर कंडीशनर में काम करने से ड्राइनेस की परेशानी बढ़ सकती है। एसी में काम करने से बचें। अगर एसी के बीच काम कर रहे हैं तो थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लें। इसके अलावा कमरे की लाइटों को बंद कर काम न करें। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमेशा कमरे में रोशनी के बीच या लाइट के बीच ही काम करें।
  4. ब्रेक लें: काम के दौरान कुछ देर में ब्रेक लेते रहें और नॉर्मल माहौल में घूमें। इसके अलावा अपने नॉर्मल भोजन के साथ मल्टीविटामिन और एंटीऑक्सीडेंट फूड का भी उपयोग करें।
  5. चेयर हाइट को एडजस्ट करें: डॉक्टर्स के मुताबिक आंखों की सेहत के लिए काम करते वक्त पॉश्चर और मॉनीटर के बीच बैलेंस करना बहुत जरूरी है। कोशिश करें की स्क्रीन की हाइट नीचे हो, क्योंकि नीचे देखने से आंखें थोड़ी ही खुलती हैं और ज्यादा लुब्रिकेंट इवेपोरेट (भाप बनकर उड़ना) नहीं होता।
  6. अगर चश्मा लगा है तो उपयोग करें: डॉक्टर के मुताबिक, जिन लोगों को चश्मा लगा है, वे इसका जरूर उपयोग करें। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आपको बगैर चश्मे के भी साफ नजर आ रहा है।

क्या दोस्तों के साथ बाहर मैच देखना सुरक्षित है?
कई बार लोग घर के बजाए दोस्तों के साथ रूफ टॉप कैफे या रेस्टोरेंट्स में जाकर मैच देखना ज्यादा पसंद करते हैं। एक्सपर्ट्स भी अंदर के बजाए खुली जगह में गेदरिंग को अच्छा उपाय मानते हैं। ध्यान रखें कि अगर आपको या किसी करीबी को कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं तो बाहर एक साथ जाने से बचें।

अगर आप रेस्टोरेंट या बाहर किसी जगह पर मैच देखने जा रहे हैं तो कुर्सियों के बीच पर्याप्त दूरी का ध्यान रखें और खाना शेयर करने से बचें। अगर किसी रेस्टोरेंट में भीड़ ज्यादा है तो बेहतर होगा आप दूसरा कोई उपाय खोजें। केवल भीड़ ही नहीं स्क्रीन वाली जगह पर देख लें कि स्टाफ मास्क पहन रहा है या नहीं और लोग सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कितने अलर्ट हैं। अगर हो सके तो बाहर की टेबल चुनें।



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from Dainik Bhaskar

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