कंगना रनोट अपने बयानों और स्टैंड के चलते लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। ऐसा करते हुए वे कइयों की आंखों की किरकिरी भी बन चुकी हैं। आमतौर पर किसी भी फिल्म के प्रोड्यूसर्स सेलिब्रेटीज से पॉलिटिकली करेक्ट रहने की उम्मीद करते हैं। मगर ‘जयललिता’ के मेकर्स कंगना को लेकर फिक्रमंद नहीं हैं। ना उन्हें चिंता है कि कंगना की मौजूदा बयानबाजियों से फिल्म को कोई नुकसान होगा।
फिल्म के प्रोड्यूसर शैलेष आर सिंह कहते हैं, 'एक तो यह न्यूज फैलाई जा रही है कि हमारी फिल्म के साथ दिग्गज सिनेमेटोग्राफर पीसी श्रीराम जुड़े हुए थे और उन्होंने कंगना के राजनीतिक स्टैंड की वजह से फिल्म को छोड़ा है। यह सरासर गलत है। हमारी फिल्म के सिनेमेटोग्राफर जर्मनी बेस्ड विशाल विट्टल हैं।'
दूसरी चीज कि पीसी श्रीराम ने खुद यह कहा है कि उन्हें हाल ही में एक फिल्म ऑफर हुई है जिसमें कंगना हैं। जबकि मेरी फिल्म तो ऑलरेडी 70 प्रतिशत शूट हो चुकी है। लिहाजा उनका इस फिल्म से उनका कोई लेना देना नहीं है।
अक्टूबर से शुरू होगी बची हुई शूटिंग
आगे उन्होंने बताया, 'फिल्म का बाकी हिस्सा हम अक्टूबर से शूट करने जा रहे हैं। जो कि चेन्नई और हैदराबाद में ही शूट होगा। पहले भी पिक्चर वहीं शूट हो रही थी। कंगना जो स्टैंड ले रही हैं, उससे फिल्म का कोई लेना देना नहीं है। वे बतौर नागरिक सुशांत मामले में अपनी राय रख रही हैं। कंगना की अपनी ओपिनियन है। वो उन्हें रखने का हक है। कौन किस संदर्भ में कह रहा है, वो देखने वाली बात है।'
कंगना ने ड्रग्स की बात मुझसे पूछकर नहीं कही
उन्होंने कहा, 'कंगना ने अपनी जानकारी में ड्रग्स वाली बात कही है। ना तो उन्होंने इस बारे में मुझसे पूछा या मैंने उन्हें कोई आंकड़ा दिया। मैंने कभी ड्रग्स नहीं लिया और मैं सिगरेट भी नहीं पीता। तो मैं नहीं जानता। कंगना का भी स्टेटमेंट तब का है जब वो वो पार्टियों में जाती थीं। उन दिनों तो मैं उनके साथ था नहीं।'
फिलहाल तनु सीरीज के अगले पार्ट का कोई प्लान नहीं
'तनु वेड्स मनु' के अगले पार्ट को लेकर उन्होंने कहा, 'पिछले एक साल में फिल्म के अगले पार्ट पर कोई बात नहीं हुई है। मैं तो अभी ‘जयललिता’ में व्यस्त हूं। आनंद एल राय ‘अतरंगी रे’ में बिजी हैं। साथ ही ‘तनु’ की फ्रेंचाइजी हर दूसरे साल पर नहीं आ रही थी। जब सही कहानी मिल जाएगी, तो वो बन जाएगी। हमने उसे इस तरह से यूज किया ही नहीं कि हर दो साल पर लाते हैं और 50 करोड़ बनाते हैं।'
हम फिल्में सौ करोड़ के बारे में सोचकर नहीं बनाते
‘जजमेंटल है क्या' को लेकर भी हम श्योर थे कि यह 30 से 40 करोड़ ही करेगी। हमने ‘अलीगढ़’ और ‘ओमेर्टा’ यह सोचकर नहीं बनाई थी कि वे सौ या दो सौ करोड़ करेगी। हम 'जयललिता' भी इसलिए बना रहे कि उनकी जर्नी बड़ी एक्साइटिंग थी। यकीनन वे हिंदी बेल्ट की नहीं है, मगर वे नेशनल पर्सनालिटी तो थी हीं।
अलग विचारधारा के लोग भी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं
'कंगना के बारे में कुछ भी कहा जाए, पर वे कमाल की एक्टर तो हैं हीं। वो इस पर्सनालिटी को सूट कर रही थीं। तभी हम उनके साथ काम कर रहे हैं। हंसल मेहता और कंगना की भी अलग आइडियॉलॉजी है, पर टैलेंट के तौर पर दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। उसके तहत ही उन्होंने 'सिमरन' में साथ काम किया था। हम उनके राजनीतिक विचारों से परे हटकर फिल्म बना रहे हैं और सिनेमाघरों के खुलने तक रूकेंगे भी।'
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