विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयान ने कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल के लिए होना चाहिए। इन दोनों दवाओं काकई बीमारियोंके इलाज के लिए इस्तेमाल हो रहा है। येकोरोना के इलाज मेंभी असरदार साबित हुई हैं,लेकिन साइड इफेक्ट्स को देखते हुए इसका इस्तेमाल सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल के लिए होना चाहिए।
डॉ.रेयान ने कहा कि कई देशों ने इन दवाओं का इस्तेमाल सीमित कर दिया है। इसे मेडिकल एक्सपर्ट की निगरानी में सिर्फ कोरोना के लिए बनाए गए अस्पतालों में इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, येहर देश कीअथॉरिटी का काम है कि इन दवाओं का इस्तेमाल करने या ना करने का आकलन करें।
कम आयवाले देशों में संक्रमण फैलना चिंता की बात: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेडरोस गेब्रियेसस ने कहा कि दुनिया में कोरोना के केस अभी भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इन हालातसेनिपटने के लिए लंबा रास्ता तय करना होगा। उन्होंने खासतौर पर लो और मिडिलइनकम वाले देशों में इसके फैलने पर चिंता जताई। गेब्रियेससने बुधवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में 1 लाख 6 हजार नए मामले सामने आए हैं। यह दुनिया में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले हैं।
संक्रमण का दूसरा दौरा शुरू होने की आशंका
रूस में डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मेलिटा वुजनोविक ने कहा कि कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर शुरू होने की आशंका है। लोगों कोये बात समझनी चाहिए। उन्होंने रूस में कोरोना से जुड़ी पाबंदियों मेंराहत देने के बारे में पूछे जाने पर यहबात कही। उनका कहना है कि लोगों को आगे भी सावधान रहने की जरूरत है।
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from Dainik Bhaskar
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