'फेयर पे मास्टर' कहलाते थे बासु दा, अनसुने किस्से शेयर करते हुए अन्नू कपूर बोले- 'अपने कलाकारों के लेन देन को हमेशा साफ सुथरा रखते थे दादा'

बॉलीवुड के लेजेंड्री फिल्ममेकर बासु चटर्जी अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। बासु चटर्जी अपनी मध्यम वर्ग के लोगों पर बनी और हंसाने वाली फिल्मों के लिए काफी पसंद किए जाते थे। उनके गुजर जाने पर एक्टर अन्नु कपूर ने भास्कर से बातचीत में उनसे जुड़े कुछ खास सवालों का जवाब दिया है।

बासु दा की फिल्म में बुजुर्ग का किरदार कैसे मिला था

आपने पूछा बुजुर्ग के रोले के बारे में, मैंने यही किरदार अपने बड़े भाई श्री रंजीत कपूर जी द्वारा निर्देशित नाटक में भी किया था और उस नाटक को देखकर ही बासु दा ने फिल्म बनाने का निश्चय किया और नाटक के ही कलाकारों को फिल्म का हिस्सा बनाया ।

उनसे जुड़ीं कोई खास यादें?

आज जब वो हमारे बीच नहीं हैं उनकी यादों की धरोहर ही हमारी पूंजी है। ज्यादा तो नहीं कहूंगा पर ये जरूर कहना चाहूंगा कि बासु दा ने देश की मिट्टी से जुड़े किरदारों पर फिल्में बनाई और आर्थिक सफलता भी प्राप्त हुई।

आम लोगों की कहानियां ही उन्हें क्यों आकर्षित करती थीं?

भारत और भारतीयता को उन्होंने अपने किरदारों में ढाल करदेश का गौरव बढ़ाया और हम जैसे नए कलाकारों को भी उनके साथ काम करने और सीखने का मौका मिला।

उनके बारे में क्या ऐसी चीज है जो कम लोग ही जानते हैं?

ऐसी बात तो कोई नहीं है लेकिन एक विशेष बात जरूर बता देना चाहता हूं दादा के बारे में, उनको “फेयर पे मास्टर“ कहते थे। कलाकारों के लेन देन को वो हमेशा साफ सुथरा रखते थे। अगर किसी को 5000 रुपये मिलने है, तो चाहे वो फिल्म के शुरू में ले या अंत में ले, उसके पैसे जैसे बैंक में पड़े होते थे। जैसी साफ सुथरी फिल्में वो बनाते थे वैसा ही उनका व्यक्तित्व हमने पाया था। आज वो हमारे बीच नहीं है में उनको याद करते हुए अपनी भावभीनी विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करता हूं। ओमशांति



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Basu Da was called 'Fair Pay Master',Annu Kapoor said- 'Dada always kept his artists' transactions clean and tidy'


from Dainik Bhaskar

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