शक के घेरे में आए संदीप सिंह बोले- सात साल में सुशांत को कभी ड्रग्‍स लेते और डिप्रेशन में नहीं देखा, मैं अपने दुबई कनेक्‍शन की जांच को भी तैयार

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही उनके दोस्‍त संदीप सिंह सवालों के घेरे में हैं। उन पर अभिनेता की मौत के बाद पुलिस को थम्स अप दिखाने और एंबुलेंस के ड्राइवर से कई बार बात करने समेत विदेश भागने की तैयारी करने तक के आरोप लगे। भास्कर से हुई बातचीत में उन्होंने आरोपों पर अपना पक्ष रखा...

सुशांत से कब से संपर्क में नहीं रह पा रहे थे आप?

मैं और सुशांत 2011 से एक-दूसरे को जानते हैं। 2018 तक हम लोग रेगुलर टच में भी रहे। वो सब मैंने इंस्‍टाग्राम पर डाला है। मगर अब मेरी इज्‍जत पर बात आ रही थी तो मुझे सर्टिफिकेट दिखाना पड़ा। चैट सार्वजनिक किए। कोई भी उनको जानने वाला 14 जून को तो नहीं आया। गलती थी कि उस दिन अकेली मीतू दीदी और सुशांत के परिवार वालों की मदद की। हम लोग बिहारी हैं साहब। अनजान की अर्थी को भी कांधा दे देते हैं।

बहरहाल, 2019 में मैं पीएम मोदी फिल्‍म बना रहा था। सुशांत 'दिल बेचारा' और 'छिछोरे' में व्‍यस्‍त रहे। लिहाजा हम संपर्क में नहीं रह सके थे। यह लाजिमी है। काम के चलते तो हम अपने स्‍कूल और कॉलेज फ्रेंड्स के साथ भी टच में नहीं रह पाते हैं। इंसानियत का कोई वजूद नहीं है। मुझे लगा कि जैसे मैं उनके पास जा रहा हूं, वैसे ही इंडस्‍ट्री भी खड़ी होगी।

आप लोग रेगुलर टच में नहीं थे तो उनके निधन की जानकारी कैसे मिली?

मेरे पड़ोसी हैं संजीत कुमार। मैं उस दिन अपनी बिल्डिंग में संजय निरूपम जी को पिक करके आ रहा था। हम तीनों लंच पर मिल रहे थे। उस दौरान मैंने अपने दोस्‍त को क्रॉस चेक करने को कहा कि क्‍या वाकई सुशांत नहीं रहे। टीवी पर न्‍यूज आने के बाद महेश शेट्टी को कॉल किया और सुशांत के घर निकल पड़े।

वहां पहुंचने पर पता चला या सिद्धार्थ पिठानी से बात हो सकी कि बॉडी को उतारा किसने था?

मैं तो किसी को जानता नहीं था, जो पूछूं। साथ ही वहां पुलिस अधिकारी इतने थे कि हम किसी से क्‍या बातचीत करते। हम कायर तो हैं नहीं कि वो देख वहां से भाग जाते। मीतू दीदी को अकेला छोड़ देते। पिछले 50 दिनों में मेरे रिलेटिव, दोस्‍त लगातार फोन कर बता रहे हैं कि मैं सबसे बड़ा बेवकूफ हूं, जो इस सिचुएशन में वहां रहा। इंडस्‍ट्री के बाकी लोग तो अपनी इमेज बचाने के चक्‍कर में वहां पहुंचे तक नहीं। तूने आ बैल मुझे मार वाली सिचुएशन पैदा कर ली।

कूपर हॉस्पिटल में एक चश्‍मदीद ने कहा कि सुशांत की टांगें टूटी हुईं थीं। गले पर सुइयां चुभोने के निशान थे?

उस इंसान को सबसे पहले पुलिस और सीबीआई को जाकर ये सारी बातें बोलनी चाहिए। मीडिया में पब्लिसिटी गेन नहीं करनी चाहिए। उसे महाराष्‍ट्र सरकार से लेकर सबको एक लेटर लिखना चाहिए इन सब चीजों के बारे में। बताए कि उसके पास सारी समस्‍याओं का हल है। ऐसा कुछ नहीं है।

आपने भी तो पूरी बॉडी देखी ही होगी?

मैंने सिर्फ चेहरा देखा था। वो भी अंतिम संस्‍कार के वक्‍त, जब चेहरे से कपड़ा हटाया जाता है। जब अंतिम समय में लकड़ी रखी जाती है और माला चढ़ाई जाती है।

मुंबई पुलिस, सीबीआई ने आप से क्‍या पूछा?

जो सवालात आप पूछ रहे हैं, वही थे। उन्‍होंने मीतू दीदी को भी बुलाया। जो लोग उस वक्‍त पर मौजूद थे, सबको बुला रहे हैं। जांच एजेंसियों ने सिर्फ मुझसे ये पूछा कि मैं उन्‍हें 15 और 16 जून का सीक्‍वेंस बता दूं। क्‍या-क्‍या हुआ?

दोनों के सवाल कॉमन थे या कुछ अलग भी रहे?

मुंबई पुलिस के अपने सवाल थे। सीबीआई के अपने सवाल हैं। सब एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन सवालों को पब्लिक तो नहीं कर सकते।

आप सुशांत के दोस्त हैं तो सच बताइये कि क्या वो वाकई डिप्रेशन में था या नशे की लत थी?

सात सालों के सफर में कभी ड्रग्‍स नहीं लिया। कभी डिप्रेशन में नहीं रहे। हमेशा मौज-मस्‍ती करते रहे। सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का था। कभी मेरे सामने डिप्रेशन में नहीं दिखा।

सुशांत की बहनों के भी आप करीबी रहे हैं, क्या आपको लगता है कि बहनों ने सुशांत की केयर नहीं की और इसी कारण रिया का दखल बढ़ गया?

मैं यह नहीं जानता, क्‍योंकि सुशांत के परिवार से मैं कभी मिला नहीं। परिवार ने भी कहा ही है कि वो मुझे नहीं जानते थे उससे पहले। यह सच है। परिवार से भी उस मोड़ पर मिलना हुआ, जब अंतिम संस्‍कार हो रहा था। वो शादी या जन्‍मदिन का फंक्‍शन तो था नहीं, जो एक-दूसरों को प्रॉपरली इंट्रोड्यूस करते। आशीर्वाद भी नहीं। बातचीत भी नहीं। सब घर चले गए।

सुशांत की मौत वाले दिन उनकी बड़ी बहन मीतू के साथ संदीप सिंह।

जांच एजेंसियों की जांच में कभी सवाल उठे कि आखिर बॉडी किसने उतारी? उसके ऐसा करने से बॉडी पर से निशान मिटे होंगे?

यह तो वो इंसान ही जाने, जिसने बॉडी उतारी हो। मगर मुंबई पुलिस, बिहार पुलिस, एनसीबी, ईडी, सीबीआई जांच कर रहे हैं। पब्लिक और मीडिया को जरा इंतजार करना चाहिए। देश की न्‍याय व्‍यवस्था पर भरोसा करना चाहिए। जांच जोर-शोर से चालू है। हकीकत सामने आ जाएगी।

क्या दिशा और सुशांत की मौत में कोई कनेक्शन हो सकता है?

ये बात मैं कैसे कह सकता हूं? यही सवाल तो देश के सवाल हैं। यह सवाल उस इंसान से पूछा जा रहा है, जो फैमिली के साथ सपोर्ट में खड़ा था। अंतिम संस्‍कार में, डेथ सर्टिफिकेट निकालने में। यही तो जांच चल रही है तीन महीनों से कि कोई कनेक्‍शन था या नहीं।

आप कह रहे हैं कि एम्बुलेंस के ड्राइवर का पेमेंट आपने किया था? लेकिन एंबुलेंस के मालिक ने कहा था कि पेमेंट सैमुअल मिरांडा ने किया था?

उस दिन मालिक नहीं, ड्राइवर अक्षय आया था। उसने एबीपी पर साफ-साफ बोला कि उसने संदीप सिंह को चार बार फोन इसलिए किया कि उसका आठ हजार का बिल था। फिर मैंने वो नंबर दीपक साहू को दिया। दीपक साहू ने 22 तारीख को कैश पेमेंट कर दिया। इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया किसी और का इंटरव्‍यू करती रही। नेगेटिव इंटरव्‍यू से टीआरपी ज्‍यादा मिलती है।

सुरजीत सिंह राठौड़ का कहना है कि आपने उन्हें कूपर हॉस्पिटल से बाहर निकलवाया था? उसने आपको मास्टरमाइंड भी कहा?

वो कभी खुद का करणी सेना का मेंबर कहते हैं। कभी एनसीपी का बताते हैं। अब सुनने में आ रहा है कि बतौर प्रोड्यूसर उन्‍होंने सुशांत पर फिल्‍म अनाउंस कर दी है। पहले वो अपनी सफाई दें। कूपर हॉस्पिटल में पुलिस ने मुझसे पूछा था कि यह इंसान कौन है? क्‍या मैं जानता हूं? उस पर मैंने ना में जवाब दिया। तब उनसे साइड होने को कहा गया। उसे वो अपने तरीके से बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। वो सुशांत पर फिल्‍म कैसे बना रहे हैं, वो तो उन्‍हें पता होगा ही।

अब जो हालात हैं, आप का दिल क्‍या कहता है, यह मर्डर है या सुसाइड?

यह सवाल मुझसे क्‍यों पूछा जा रहा है, जो मैं खुद जानना चाहता हूं। पूरी जनता और परिवार जानना चाहता है। अब यह सच्‍चाई छिपने वाली नहीं है। जो लोग मेरी दोस्‍ती और इंसानियत को गाली दे रहे हैं, बिना किसी सबूत के, उन्‍हें पछतावा होगा।

रिया की क्या गलती रही? जैसा कि रिया ने कहा कि प्यार ही गुनाह हो गया, आप क्या मानते हैं?

मुझे यह तो नहीं मालूम। मैं अपनी ही इज्‍जत बचा लूं, वही काफी है। उंगली तो संजय लीला भंसाली, सलमान खान, करण जौहर और सूरज पंचोली तक पर उठ रही है।

सुशांत की मौत वाले दिन बहन के साथ आप थे, उस दिन के बारे में कुछ बताएं?

डेथ सर्टिफिकेट को लेकर परिवार को जो मदद चाहिए थी, वो मैंने की। बाद में भी संपर्क में रहा। पर उसी काम को लेकर।

बीच में खबर आई थी कि आप मुंबई छोड़कर विदेश जाने की तैयारी में हैं। आपके पीआर के वीजा एजेंट्स से संपर्क की चर्चा भी थी?

मैं तो यही हूं। जांच एजेंसियों को सहयोग भी कर रहा हूं।

रिया कह रही हैं कि वे सुशांत को बहुत सालों से जानती थीं, आप भी कई सालों से सुशांत के दोस्त रहे, क्या कभी उन्होंने रिया का जिक्र किया?

सुशांत ने कभी भी जिंदगी में साल 2018 तक रिया का जिक्र नहीं किया।

कभी सुशांत ने वर्चुअल रिएलिटी और ऑर्गेनिक खेती वाले प्रोग्राम में अपने इनवेस्‍टमेंट को लेकर बात की थी?

आप मेरे चैट्स देख लें, जो पब्लिक डोमेन में हैं अब। हमारी बातें घूमने-फिरने, गीत-संगीत पर होती थीं।

कांग्रेस ने आपके बीजेपी से कनेक्शन पर सवाल उठाए थे, जबकि खुद भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी आपके दुबई कनेक्शन की बात करते हैं?

सुब्रह्मण्यम स्वामी जिम्‍मेदार और अनुभवी नेता हैं। उन्‍होंने लिखा कि संदीप सिंह के दुबई आने-जाने की जांच होनी चाहिए। इसमें उन्‍होंने क्‍या गलत कहा। मैं जांच को तैयार हूं। जैसे एक आम आदमी दुबई आता-जाता है, वहां वीजा का ज्‍यादा प्रॉब्‍लम नहीं है। वहां इंडिया जैसा माहौल ही फील होता है। उसमें क्‍या गलत है।

रिया बार-बार कह रही हैं कि सुशांत ड्रग्स लेते थे, क्या आपके सामने कभी ऐसी कोई बात आई?

देखिए मैं रिया को नहीं जानता। वो भी मुझे नहीं जानती, जैसा उन्‍होंने कहा भी है। मेरे पास उनका नंबर भी नहीं है। उनके मुताबिक जिस तरह सुशांत ने कभी मेरा जिक्र उनसे नहीं किया, ठीक उसी तरह सुशांत ने भी मेरे सामने कभी रिया का जिक्र नहीं किया। तो रिया क्‍या बोलना चाहती हैं, वो उनका ईमान जाने। उनसे पूछताछ चालू है। मुझ पर जो आरोप लगे हैं, उससे हिला हुआ हूं। पिछले 60 दिनों से मेरी मम्‍मी, मेरी बहन मेरा परिवार ठीक से रह नहीं पा रहा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
संदीप के मुताबिक वो और सुशांत 2011 से एक-दूसरे को जानते थे और 2018 तक रेगुलर टच में भी रहे थे।


from Dainik Bhaskar

Post a Comment

0 Comments